32 बार अयोध्‍या का दौरा कर चुके सीएम योगी की यहीं से चुनाव लड़ने की तैयारी

राम मंदिर निर्माण प्रारम्‍भ होने के बाद भाजपा के लिए और भी प्रतिष्ठित हो चुकी यहां की सीट पर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश की रहेगी निगाह

32 बार अयोध्‍या का दौरा कर चुके सीएम योगी की यहीं से चुनाव लड़ने की तैयारी
Desh 24X7
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September 28,2021 01:26

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठित समझी जाने वाली अयोध्या विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि इसका अभी औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन योगी का यहीं से चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। योगी अभी विधान परिषद के सदस्‍य हैं। इस प्रतिष्ठित सीट पर प्रदेश ही नहीं पूरे देश की विशेष निगाहें रहेंगी। 

 

मीडिया रिपोर्ट की माने तो योगी आदित्यनाथ का अयोध्‍या विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना लगभग तय है। कहा जाता है कि अयोध्या से लड़ने के पीछे उनका यहां से व्यक्तिगत लगाव है। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद से 32 बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं। यहां से चुनाव लड़ने वाले दूसरे दलों की अगर बात करें तो एक और भगवाधारी हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी त्रिदंडी महाराज भी अयोध्‍या विधानसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय का नाम फाइनल माना जा रहा है जबकि बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों के नाम अभी उजागर नहीं किए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन दलों की निगाहें भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा पर टिकी हुई हैं।

 

 

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व में जिस नेता का अयोध्या से सर्वाधिक जुड़ाव रहा है और जिस की आवाज पूरे प्रदेश में सुनी जाती रही हो वह है पूर्व सांसद विनय कटियार। लेकिन कटियार फिलहाल यहां की राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं।

 

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं क भाजपा नेतृत्व के अनेक प्रयासों के बावजूद अयोध्‍या में पार्टी गुटबाजी चरम पर है। सांसद लल्लू सिंह और विधायक वेद प्रकाश गुप्त साढ़े चार साल में भी एकजुट नहीं हो सके हैं इसीलिए यहां का आम कार्यकर्ता भी गुट में बंटा नजर आता है, कार्यकर्ता भी अपने को किसी ने न किसी गुट से जुड़ा हुआ बताता है। आपको बता दें लल्लू सिंह समाजवादी पार्टी से 2012 में अयोध्या विधानसभा चुनाव हार चुके हैं।

 

 

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि यहां के मुद्दों की बात करें तो भाजपा के लिए राम मंदिर निर्माण सबसे बड़ा मुद्दा होगा। जबकि यहां के निवासियों का कहना है कि राम मंदिर पर फैसला आने के बाद ज्यादा ध्यान जमीन पर दिया गया, जबकि आम आदमी की जमीन से जुड़ी मूलभूत समस्‍याओं पर ध्‍यान नही दिया गया है। इसीलिए जलभराव पेयजल और बिजली जैसी मूलभूत समस्या अभी भी बनी हुई है।

 

 

अयोध्या सीट से अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से उस के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी त्रिदंडी महाराज के अयोध्या विधानसभा सीट से लड़ने की घोषणा महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी कार्यसमिति की बैठक में की गई है जिसकी जानकारी जिला अध्यक्ष राकेश दत्त मिश्र ने अयोध्या लौटने पर दी है। उनके अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र कुमार द्विवेदी ने 2022 में उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चरणों में प्रत्याशी खड़ा करने का फैसला लिया है।

 

 

हालांकि इस बार एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी उत्तर प्रदेश में चुनावी ताल ठोके हुए हैं, ओवैसी बार-बार बाबरी मस्जिद का जिक्र करके यहां के मुसलमानों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करते रहते हैं। कुछ भी हो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मैदान में उतरने से बेहद दिलचस्प होगा, न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की निगाहें अयोध्या सीट पर जमी रहेंगी क्योंकि भाजपा के लिए राम मंदिर निर्माण के बाद होने वाले विधानसभा के पहले चुनाव में  यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बन जाएगी और योगी आदित्यनाथ को विरोधी उम्मीदवारों से कितनी चुनौती मिलेगी यह तो वक्त ही बताएगा। 

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