ओवैसी ने शाह के बयान का पलटवार करते हुए पुराने जख्मों पर मिर्च डाल दी

चुनाव के माहौल में नेता लोग एक-दूसरे की टांग खींचने से हिचकिचा नहीं रहे हैं |

ओवैसी ने शाह के बयान का पलटवार करते हुए पुराने जख्मों पर मिर्च डाल दी
Desh 24X7
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November 26,2022 03:06

गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चरम पर पहुँच गया है। ताजा मामले में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा साल 2002 के दंगों का जिक्र करने वाले बयान पर पलटवार किया है।

 

अमित शाह के बयान पर एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने कहा कि मैं गृह मंत्री को बताना चाहता हूँ, 2002 में आपने जो सबक सिखाया था, वह यह था कि बिलकिस के बलात्कारी आपके द्वारा रिहा किए जाएंगे, आप बिलकिस की 3 साल की बेटी के हत्यारों को रिहा करेंगे, अहसान जाफरी को मार दिया जाएगा ..., दिल्ली दंगा  कराएंगे, आपका कौन सा सबक हम याद रखें? एआईएमआईएम सांसद ने कहा याद रखना एक दिन सब से सत्ता छिन जाती है। सत्ता के नशे में आप बोल रहे हो। अहमदाबाद में ओवैसी ने कहा- 'यहाँ के सांसद, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2002 में हमने जो सबक सिखाया था उसके आधार पर गुजरात में अमन कायम हो गया. मैं इस इलाके के एमपी, भारत के गृह मंत्री से कहना चाहूँगा कि आपने जो सबक सिखाया, वो ये था कि बिलकिस को रेप करने वालों को आप छोड़ेंगे. जो सबक आपने सिखाया कि बिलकिस की माँ को रेप कर, कत्ल करने वालों को छोड़ दिया जाएगा. वो सबक आपने सिखाया कि एहसान जाफरी को मार दिया दाएगा.

 

कौन कौन सा सबक आपका हम याद रखेंगे?' अमन तो तब आएगा जब मजलूमों को न्याय मिलेगा असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि गुजरात में अमन उसी वक्त आएगा जब मजलूमों को इंसाफ मिलेगा। आप सबक सिखाने की बात कर रहे हैं। मगर लोग भूल जाते हैं। सत्ता में आने के बाद लोग भूल जाते हैं। सत्ता के नशे में भारत के गृह मंत्री ने कहा सबक सिखाया। पूरे मुल्क में बदनामी हो गई। कौन सा सबक आपने सिखाया।

 

दरअसल, 25 नवंबर को गुजरात स्थित भरूच की एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभा में मौजूद लोगों से पूछा - जब कांग्रेसी थे तब आए दिन दंगे होते थे की नहीं होते थे? गृह मंत्री ने कहा - लेकिन, 2002 में जब नरेंद्र भाई थे तब एक ऐसा ही प्रयास किया गया, 2002 में इन्होंने हिंसा करने की हिम्मत की थी, इनको ऐसा पाठ पढ़ाया कि 2022 यानी आज के दिन तक अब कोई जरा भी ऐसा प्रयास करने का नाम नहीं ले रहा।

बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में एक दिसंबर और पाँच दिसंबर को होने हैं। पहले चरण में 89 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा जबकि बाकी 93 विधानसभा सीटों के लिए दूसरे चरण में मतदान होगा। इसी बीच नेता लोग एक-दूसरे की टांग खींचने से हिचकिचा नहीं रहे हैं | 

 

 

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